किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सरकार विभिन्न योजनाएँ चला रही है और नई घोषणाएँ भी कर रही है। इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसानों के लिए एक बड़ी राहत योजना की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4,000 रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। इसके अलावा, गेहूं की खेती करने वाले किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का भी निर्णय लिया गया है।
किसानों के हित में सरकार के निरंतर फैसले
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में लगातार महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। उन्होंने बताया कि पहले केन-बेतवा समेत कई नदी जोड़ो परियोजनाओं पर कार्य किया गया, जिससे राज्य में खेती योग्य भूमि का विस्तार किया जा सके और किसानों को अधिक लाभ मिल सके।
मार्च में किसानों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गेहूं की खरीद के लिए 2600 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, किसानों को प्रति क्विंटल 175 रुपये का बोनस भी मिलेगा। इसी तरह, धान की खेती करने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 4000 रुपये की राशि सरकार सीधे उनके बैंक खातों में भेजेगी। यह भुगतान मार्च में ही किसानों के खातों में अंतरित किया जाएगा।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन किसानों ने धान उपार्जन की निर्धारित प्रक्रिया पूरी की है, उन्हें यह सहायता राशि दी जाएगी। सरकार संकल्प पत्र के आधार पर जनता को आवश्यक सुविधाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
6 लाख से अधिक किसानों को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने बालाघाट में आयोजित किसान सम्मेलन में किसानों को यह बड़ी सौगात दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में धान उत्पादक किसानों को 4,000 रुपये प्रति हेक्टेयर का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
मूल्य संवर्धन योजना (प्राइस सपोर्ट स्कीम) के तहत, वर्ष 2024 में 6.69 लाख किसानों ने 12.2 लाख हेक्टेयर भूमि में धान का उत्पादन और विक्रय किया है। अब इन्हीं किसानों को “मुख्यमंत्री कृषक प्रोन्नति योजना” के तहत यह वित्तीय सहायता मिलेगी। इस योजना से किसानों को कुल 488 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लाभ मिलेगा।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत लेकर आया है। धान और गेहूं उत्पादकों को सीधा आर्थिक लाभ मिलेगा, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी। यह योजना किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी सहायक होगी।
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